राजस्थान

थानों की उत्कृष्टता अब जनता के मूल्यांकन पर मापी जाएगी

थानों की उत्कृष्टता अब जनता के मूल्यांकन पर मापी जाएगी

भोपाल। प्रदेश में पुलिस थानों के कार्यों का मूल्यांकन अब जनता द्वारा किया जाएगा। फिलहाल इस दायरे में इंदौर और सूबे की राजधानी भोपाल को शामिल किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि आगामी दिनों में सूबे सभी थाने इस दायरे में शामिल कर लिए जाएंगे। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने यह बड़ी घोषणा की है। 

उन्होंने कहा है कि इन दो शहरों में संचालित होने वाले थानों की उत्कृष्टता का मूल्यांकन जनता ही करेगी ताकि यह पता लग सकेगा कि थानों की कार्यप्रणाली से जनता खुश है या नहीं, कहीं किसी कारणवश थाने पहुंचने वाले लोगों को वहां की कार्यप्रणाली से परेशानी तो नहीं आ रही है। जनता थाने को जो नंबर देगी उसी के आधार पर थाने को रैंक दिया जाएगा।

कमिश्नर प्रणाली को पूरा एक साल हुआ- गौरतलब है कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने का पूरा एक वर्ष हो गया है और इसी अवसर पर प्रदेश के गृह मंत्री मिश्रा पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। चर्चा के दौरान ही उन्होंने थानों के संबंध में यह घोषणा की। गृह मंत्री ने पुलिसकर्मियों से मुलाकात कर उनका मुंह मीठा भी कराया।

कैसा हुआ व्यवहार, रजिस्टर में लिखेंगे- गृह मंत्री ने बताया कि इंदौर और भोपाल में संचालित होने वाले प्रत्येक थानों में रजिस्टर अनिवार्य रूप से रखा जाएगा और इसमें उन व्यक्तियों द्वारा लिखा जाएगा कि उसके साथ थाने में किस तरह से व्यवहार किया गया है। यदि किसी व्यक्ति को कोई परेशानी आती है तो भी वह अपनी बात खुलकर रजिस्टर में लिख सकता है।

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