
राहुल गांधी के वादों को अमलीजामा पहनाएंगे अशोक गहलोत
राहुल गांधी के वादों को अमलीजामा पहनाएंगे अशोक गहलोत। निवेश आयेगा तो रोजगार आयेगा, रोजगार आयेगा तो बेरोजगारी का कलंक राजस्थान के माथे से मिटेगा!
रिपोर्ट – रहमतुल्लाह खान, चीफ एडिटर
जयपुर में लगभग 1 हफ्ते तक चलने वाले सियासी ड्रामे से थोडा इतर सोंचे तो सियासत के साथ प्रदेश की संवरती तकदीर भी दिखाई देगी, इस तकदीर को संवारने के लिये मंझे हुये नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरी ताकत झोंक रखी है। राजस्थान मे हाल मे ही हुए इनवेस्ट समिट के बाद ये माना जा रहा है कि प्रदेश मे रोजगार की अपार संभावनाँये आयेंगी।
राज्य सरकार जयपुर के जेईसीसी परिसर में दो दिवसीय इन्वेस्ट राजस्थान समिट की मेजबानी कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूरी सरकार ने दिल खोल के बडे बडे उद्योगपतियो का स्वागत किया है और 10.44 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आकर्षित करके एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। समिट के तहत अब तक सबसे ज्यादा का निवेश प्रस्ताव सौर ऊर्जा क्षेत्र मे प्राप्त हुआ है। 8 हजार करोड रुपये का निवेश प्रस्ताव अब तक का सबसे बडे निवेश का प्रस्ताव है सौर ऊर्जा क्षेत्र मे है।
क्या ये चुनावी निवेश है
राजस्थान मे अगले साल चुनाव होंने है और उससे पहले सियासी उठा पठक भी लगी हुई है लेकिन इस बीच इस समिट को लेकर लोगो के बीच चर्चा इस बात की है कि किया ये एमओयु धरातल पर कुछ कर दिखा पायेंगे। इस बात को समझने के लिये सबसे पहले कुछ साल पहले विद्याधर नगर स्टेडियम मे हुये राहुल गांधी की चुनावी सभा की बात याद करनी पडेगी। चुनाव से पहले जयपुर मे राहुल गांधी ने आकर किसानो के कर्ज मुक्त व बेरोजगारो को रोजगार देने का दावा किया था। भत्ता भी दिये जाने का दावा किया था जिसके बल बूते सरकार भी आई विपक्ष भी इसी मुद्दे को लेकर लगातार सरकार को घेरने मे लगी हुई है। लिहाज मौके की नजाकत को समझते हुये सरकार ने एसा रोड मैप तैयार किया है जिसको देखते हुये ये कहा जा सकता है कि राजस्थान मे बडे पैमाने पर रोजगार की सौगात मिलने वाली है।
कहते है रोजी रोटी हर मर्ज की दवा है और रोजी रोटी कमाने का साधन अगर कोई मुहैया कराता है तो वो भगवान से कम नहीं है। लिहाजा चुनाव से पहले गहलोत ने साफ कर दिया है कि जिस बूते सरकार आई है उस वायदे को पूरा कर के दिखायेगी सरकार ताकी जनता के बीच मे अपने किये हुये वायदो को पूरा करके पहुंचे औऱ विपक्ष को मुद्दा विहीन कर दें। अडानी अंबानी जैसे निवेशको के राजस्थान मे आने और कांग्रेस आलाकमान के हरी झंडी देने के बाद विपक्ष के मुंह पर ताला जरुर लग गया है और ये साफ हो गया है कि राजस्थान मे कांग्रेस पार्टी मे राजनीति की दशा और दिशा फिलहाल अशोक गहलोत ही तय करेंगे।
इस समिट से कितने लोगो को मिल सकता है फायदा
राजस्थान में जहां 2016 में बेरोजगारी दर 3.8 प्रतिशत थी, वहीं 2022 में मार्च में यह 32.3 प्रतिशत हो गई थी. राज्य में परीक्षाओं में गड़बड़ी और रद्द होना बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण माना गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में सबसे ज्यादा 20.67 लाख ग्रेजुएट बेरोजगार हैं. वहीं कुल बेरोजगारों की संख्या भी सर्वाधिक 65 लाख है, जो देश के अन्य राज्यों में सबसे अधिक है. यहां हर दूसरे ग्रेजुएट के पास न्यूनतम मजदूरी तक कमाने का कोई साधन नहीं है. राजस्थान में बेरोजगार ग्रेजुएटों की संख्या सबसे अधिक है. ये यहां 20.67 लाख है. बेरोजगारों की कुल संख्या भी राजस्थान में सबसे अधिक है, जो कि 65 लाख के बराबर है. पिछले चार वर्षों में, राजस्थान में ग्रेजुएटों के बीच बेरोजगारी चार गुना बढ़ गई है जबकि दिल्ली में पिछले चार वर्षों में यह संख्या 3 गुना से अधिक बढ़ गई है।
कोरोना से अर्थव्यवस्था तो चौपट हुई है सबसे ज्यादा युवाओ के भविष्य और रोजगार को लेकर चिंता बढी है ऐसे राजस्थान मे जब बडे पैमाने पर निवेश हो रहा है तो ये एक उम्मीद की किरण साबित हुई है उन लोगो के लिये जो लम्बे अर्से से रोजगार तलाशने मे जुटे है.
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