
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर देर रात चार घंटे चली बैठक के बाद राजस्थान कांग्रेस की खींचतान को सुलझाने पर सहमति बनी। सचिन पायलट और अशोक गहलोत को खड़गे के घर एक साथ बैठाकर राजनीतिक गिले-शिकवे दूर किए गए। दोनों से अलग-अलग बैठकर भी बातचीत की गई। बाद में संगठन महासचिव केसी वेणुगापोल ने दोनों नेताओं को मीडिया के सामने लाकर एकजुट होकर चुनाव लड़ने की घोषणा की।
लेकिन कल के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कई सवाल अब भी जस के तस बन हुए हैं। पायलट की तीन मांगों से लेकर पायलट की राजनीतिक भूमिका तक का कोई फॉर्मूला सार्वजनिक नहीं किया गया है। मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- दोनों नेता एकजुट होकर इस साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को मिलकर लड़ेंगे। दोनों ने फैसला आलाकमान पर छोड़ा है। राजस्थान में कांग्रेस मजबूत है।
फॉर्मूले का खुलासा नहीं
पायलट मुद्दे को हल करने के लिए मैराथन बैठक में तय किए गए फॉर्मूले का खुलासा नहीं किया गया। पायलट का अल्टीमेटम 30 मई को खत्म हो रहा था, ऐसे में माना जा रहा है कि आलाकमान ने इस मसले पर कोई निर्णायक हल निकाल लिया होगा और पायलट को ठोस आश्वासन मिल गया होगा।
वेणुगोपाल ने किया सुलह का दावा
केसी वेणुगोपाल ने सुलह का दावा किया है, लेकिन इसके बाद सचिन पायलट ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. अब पायलट के बयान का इंतजार है। कांग्रेस अध्यक्ष को पायलट की तीनों मांगों और राजनीतिक मुद्दों पर फैसला लेना है। सुलह के फॉर्मूले का खुलासा न कर सिर्फ फैसला आलाकमान पर छोड़ने की बात कही है। ऐसे में पायलट और गहलोत की चुप्पी कई राजनीतिक सवाल छोड़ गई है.