जयपुर। कांग्रेस के लोकसभा पूर्व प्रत्याशी सुनील शर्मा का सवालों पर जवाब

कांग्रेस के लोकसभा पूर्व प्रत्याशी सुनील शर्मा का सवालों पर जवाब

कांग्रेस के लोकसभा पूर्व प्रत्याशी सुनील शर्मा का सवालों पर जवाब

जयपुर। कांग्रेस के जयपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार सुनील शर्मा ने रविवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पार्टी की टिकट लौटाने फैसले के बाद कांग्रेस ने रविवार देर रात पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को उम्मीदवार घोषित किया। 

(सुनील शर्मा ने प्रेस नोट जारी करके जो कहा )

सुनील शर्मा ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि कल (रविवार)  शाम से ही विभिन्न प्लेटफ़ार्म्स पर हज़ारों लोग मुझ से प्रश्न कर रहे है कि वो कौन सी परिस्थितियाँ थी जिसके चलते मैंने जयपुर लोकसभा से कांग्रेस पार्टी का टिकट विनम्रतापूर्वक लौटाने का निर्णय लिया, काफ़ी लोग यह भी कह रहे है कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, कुछ लोग यह मान रहे कि शायद मैंने ऐसा किसी के दबाव में किया है, जितने मुँह उतनी बात। यद्धपि टिकट लौटाने से पूर्व की गई प्रेस कांफ्रेंस में मैंने अपनी सारी स्थिति काफ़ी विस्तार से स्पष्ट कर दी थी 

साथ ही मैं स्पष्ट भी कर देना चाहता हूँ कि मेरा परिवार कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ी से पूर्ण प्रतिबद्धता से जुड़ा रहा है, मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि राजस्थान में ऐसे बिरले ही परिवार होंगे जो 1938 से सतत रूप से पार्टी में सक्रिय होंगे और जिनकी वैचारिक प्रतिबद्धता इतनी असंदिग्ध होगी।

मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था और ना ही मैंने इसके लिए आवेदन किया था किंतु शहर और राज्य के सभी नेताओं ने मेरे नाम पर जिस ढंग की सर्व सम्मति बना मुझ पर दबाव बनाया, उसने और पार्टी के प्रति मेरी प्रतिबद्धता ने मुझे प्रेरित किया और मैंने चुनाव लड़ने पर अपनी सम्मति दे दी। 

किंतु पार्टी द्वारा टिकट दिये जाने के पश्चात जिस ढंग से दिल्ली के कुछ कथित पत्रकार जिनके रिश्ते “जगज़ाहिर है” ने मेरे ख़िलाफ़ जैसा विषवमन किया उसने मुझे अंदर झकझोर दिया। गांधी और नेहरू जिनके राजनैतिक और जीवन दर्शन में मेरी अगाध आस्था है पर प्रश्न उठाये गये, करोड़ों रुपया लगा कर सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर ख़रीदे गये, जिन्होंने ट्विटर पर दो दिन तक #sunil sharma को राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेंड में रखा। 

पूरे देश का मीडिया दो भागों में बँट गया, मेरा सौभाग्य रहा कि इस दौरान नेट पर पड़े मेरे बीसियों वीडियोज़ को देख कर काफ़ी पत्रकारों ने मेरे पक्ष में भी लिखा एक प्रतिष्ठित पत्रकार तो यहाँ तक कह गये कि “अगर कोई व्यक्ति कांग्रेस विचारधारा को समझना चाहता है तो वो सुनील शर्मा के वीडियोज़ देखे”,  मगर इन लोगों को भी दिल्ली के कथित सोशल मीडिया इंफ्ल्युएंसर्स और उनके आकाओं ने धमकाया। केरल के इंफ्ल्युएंसर्स से ट्वीट करवाए गए जिससे कि आलाकमान पर दबाव पड़े। 

मैं राजनीति में सत्ता, ताक़त या पैसों के लिए नहीं आना चाहता था, मेरी दृढ़ मान्यता है कि राजनीति तभी सार्थक है जब कि वो, सेवा का प्रकल्प बने, सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बने, हमारी मिली जुली संस्कृति और समावेशी राष्ट्रवाद को इससे  शक्ति मिले। धार्मिक-जातीय-भाषाई कट्टरवाद से ऊपर उठकर देश के युवा पंडित नेहरू के साइंटिफिक टेम्परामेंट को ले कर आगे बढ़े, इसके लिए मैंने हर मंच पर दृढ़ता और बिना भय और लालच के अपनी बात रखी, भले ही वो मंच दक्षिणपंथ का हो या वाम का हो। मैं मानता था कि 2014 के बाद दक्षिणपंथ की जैसी भीषण बयार बही है उसे देखकर हमें कबूतर की तरह आँख बंद नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें उनके मंचों पर जा कर उन्हें अपने तर्कों से पराभूत करना चाहिए। शायद अल्पज्ञ कथित पत्रकार और कट्टरपंथी मीडिया इंफ्ल्यूएंसर और उनके राजनीतिज्ञ आका, शास्त्रार्थ की इस भारतीय परंपरा की गंभीरता को समझने की सामर्थ्य नहीं रखते, उन्होंने मेरे इन भाषणों को सुने बिना ही एक सुनियोजित एजेंडे के तहत हल्ला मचाना प्रारंभ कर दिया। 

हाथों-हाथ सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर ख़रीदे गये और #sunil sharma नेशनल लेवल पर टॉप ट्रेंड होने लग गया। ये मेरे लिये विचलित कर देने वाली बात थी कि मेरी वैचारिक प्रतिबद्धता पर जिन लोगों ने प्रश्नवाचक चिन्ह लगाये गये उनमें कुछ धार्मिक कट्टरपंथी जो वामपंथ का चौला ओढ़ते है तो थे ही शशि थरूर जैसे कथित बुद्धिजीवी भी थे।  सबसे अधिक आहत करने वाली बात तो यह थी कि जिस पार्टी के लिए मेरे परिवार ने तीन पीढ़ियाँ बिना किसी लालच के लगा दी, जिस पार्टी का दर्शन मेरा स्वयं का जीवन दर्शन बन गया है, वो भी मेरे बचाव के लिए आगे नहीं आई और कथित कट्टरपंथी मीडिया इंफ्ल्युएंसर्स मुझ पर हर तरफ़ से हमले करते रहे। पूरे देश में जैसा माहौल बनाया गया उससे मुझे लगा कि हो सकता है अब मेरी उपस्थिति से पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर हानि उठानी पड़े, बेहतर है कि एक प्रतिबद्ध पार्टीजन की तरह स्वयं ही विनम्रतापूर्वक अपना  टिकट लौटा दूँ।  

इन चार-पाँच दिनों में जितना प्यार आप सबने मुझे दिया उसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता आपसे उम्मीद करता हूँ आप यही स्नेह और आशीर्वाद ताजिंदगी मुझ पर बनाये रखेंगे। 

 सुनील शर्मा की प्रेस वार्ता का वीडियो लिंक सुनील शर्मा के फेसबुक पेज से -  यहाँ क्लिक करें

 

 

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