Udaipur कॉल गर्ल एस्कॉर्ट सर्विस की फ़र्ज़ी वेबसाइट बनाई, पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार किए। 

कॉल गर्ल एस्कॉर्ट सर्विस की फ़र्ज़ी वेबसाइट बनाई, पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार किए। 

कॉल गर्ल एस्कॉर्ट सर्विस की फ़र्ज़ी वेबसाइट बनाई, पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार किए। 

उदयपुर। जिले की गोवर्धन विलास थाना पुलिस की टीम ने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बना रखी है, जिस पर उपलब्ध कराये गए गए व्हाट्सएप नंबर पर कॉल करने वाले व्यक्तियों को झांसा देकर ठगी की जाती हैं।
      
एसपी योगेश गोयल ने बताया कि प्रशिक्षु आईपीएस एसएचओ गोवर्धन विलास निश्चय प्रसाद एम को सूचना मिली थी कि दक्षिण विस्तार योजना स्थित एक मकान में कुछ युवकों ने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का सेंटर बनाया है। सूचना पर एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के सुपरविजन व सीओ गजेंद्र सिंह राव के निर्देशन में थाना स्तर पर टीम गठित की गई।
      
एसपी गोयल ने बताया कि इस सूचना पर प्रशिक्षु आईपीएस प्रसाद एम की टीम द्वारा सांकेतिक मकान पर दबिश देकर ठगी कर रहे आरोपी राहुल पाटीदार पुत्र वालजी, मनीष पाटीदार पुत्र नानजी, अजीत पाटीदार पुत्र वालजी एवं पंकज पाटीदार पुत्र गौतम लाल निवासी सकानी थाना आसपुर जिला डूंगरपुर को गिरफ्तार कर इनके पास से 15 मोबाइल, 15 एटीएम कार्ड व हिसाब का रिकॉर्ड जप्त किया। जब्त किये गए मोबाइल में ठगी के संबंध कई साक्ष्य पुलिस को मिले हैं।
      
 ऐसे करते हैं ठगी
अनुसंधान में सामने आया कि अभियुक्तों ने SKOKKA व SDUKO नाम की फर्जी वेबसाइट बना रखी है। जिस पर इन्होंने कॉल गर्ल उपलब्ध कराने का विज्ञापन देकर व्हाट्सएप नंबर दिया है। इनके द्वारा दिए गए व्हाट्सएप पर जब कोई व्यक्ति संपर्क करता है तो अभियुक्त उसे कई लड़कियों की फोटोग्राफ दिखा उनमें से कोई एक को सेलेक्ट करने के लिए कहते हैं।

 ग्राहक के फोटो सेलेक्ट करते ही हो जाता है ठगी का खेल शुरू 

ग्राहक द्वारा जब फोटो सेलेक्ट की जाती है उसके बाद ये लोग एडवांस के तौर पर 500 या 1000 रुपए ले लेते हैं। बाद में सिक्योरिटी राशि के नाम पर और रकम मांगते हैं। इसके बाद भी आरोपी अलग-अलग प्रकार की राशि भेजने के लिए कहते हैं। जब ग्राहक को पता चलता है और विरोध करता है तो वह उसका व्हाट्सएप नंबर ब्लॉक कर देते है। ग्राहक भी शर्म व लोकलाज के मारे घटना की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते।

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