jaipur एक बार फिर चर्चा में आई राजस्थान यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष प्रभा चौधरी

एक बार फिर चर्चा में आई राजस्थान यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष प्रभा चौधरी

एक बार फिर चर्चा में आई राजस्थान यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष प्रभा चौधरी

राजस्थान - राजस्थान यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष रहीं प्रभा चौधरी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में उन्होंने औपचारिक रूप से भाजपा पार्टी का दामन थाम लिया। प्रभा चौधरी के साथ ही कई अन्य कांग्रेस नेताओं और प्रमुख लोगों ने भाजपा का दामन थामकर इस लोकसभा चुनाव में 'कमल' के पक्ष में प्रचार करने और अधिकृत प्रत्याशी को जिताने का आह्वान किया।

 

कांग्रेस टिकट की कर रहीं थीं दावेदारी:

 

राजस्थान यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष बनने के बाद चर्चा में आईं प्रभा चौधरी छात्र राजनीति के बाद से राजनीति की मुख्य धारा में सक्रीय हैं। वे कांग्रेस पार्टी की गतिविधियों में सक्रीय रूप से देखी जा रहीं थीं। इस बार के लोकसभा चुनाव में वे जैसलमेर-बाड़मेर सीट से कांग्रेस से टिकट पाने की उम्मीद कर रहीं थीं। इसके लिए उन्होंने मजबूत दावेदारी करते हुए जयपुर से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग भी की थी। लेकिन उन्हें यहां से टिकट नहीं मिल सका। इससे नाराज़ होकर आखिरकार प्रभा चौधरी ने भाजपा में जाने का फैसला किया।

 

सीएम भजनलाल से मुलाक़ात:

 

प्रभा चौधरी सहित अन्य प्रमुख लोगों ने भाजपा की औपचारिक रूप से सदस्यता लेने से पहले मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से भी मुलाक़ात की। इसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने औपचारिक रूप से इन सभी को भाजपा की सदस्यता दिलाई। पार्टी में शामिल हुए नए लोगों को भाजपा का दुपट्टा पहनाया गया और उनका स्वागत किया गया।

प्रभा चौधरी वर्ष 2011 में हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव में एपेक्स अध्यक्ष पद पर खड़ी हुईं थी। उनकी ये जीत इसलिए भी ऐतिहासिक थी कि उन्होंने निर्दलीय महिला उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था। उनकी ये जीत कांग्रेस-भाजपा समर्थित छात्र संगठनों एनएसयूआई-एबीवीपी दोनों के लिए ज़ोरदार झटका थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को करीब 1200 मतों से शिकस्त देकर इतिहास रचा था।

 

पहले भी कर चुकीं हैं बगावत:

 

राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के दौरान भी प्रभा चौधरी बागी हुईं थीं। इससे पहले वे छात्र संगठन एनएसयूआई में थीं। उन्होंने अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार बनाये जाने के लिए दावेदारी की थी। लेकिन तब उन्हें मौक़ा नहीं मिलने पर उन्होंने बगावत कर निर्दलीय पर्चा भर उम्मीदवारी जता डाली थी। बड़ी बात ये रही कि वे चुनाव जीत गईं। इसी तरह से अब जैसलमेर-बाड़मेर की लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।

 

साथी नेता कांग्रेस पार्टी में:

 

प्रभा चौधरी को राजस्थान यूनिवर्सिटी की पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष बनाने में नरेश मीणा और मुकेश भाकर नाम के दो छात्र नेता थे प्रमुख रूप से चर्चा में थे। इन दोनों के समर्थन से ही निर्दलीय उम्मीदवार प्रभा चौधरी एनएसयूआई और एबीवीपी के प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को शिकस्त देने में कामयाब रहीं थीं। वर्त्तमान में मुकेश भाकर लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से दूसरी बार विधायक हैं, तो वहीं नरेश मीणा ने हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन की है। वे इस लोकसभा चुनाव में दौसा संसदीय सीट से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन वंचित रह गए।

 

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