राज्य सरकार की ओर से लगातार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास किए गए हैं

राज्य सरकार की ओर से लगातार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास किए गए हैं
चित्तौड़गढ़ l राज्य सरकार की ओर से लगातार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास किए गए हैं जिसमें सभी विद्यालयों में खुद की बिल्डिंग और अध्यापकों की नियुक्तियां की गई है, लेकिन चित्तौड़गढ़ मुख्यालय पर संचालित हो रहे।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेंथी के अधीन संचलित किये जा रहे प्राथमिक सरकारी विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालय सेथी के ट्री हाल बेहाल दिखाई दे रहे हैं।
जिसमें आज भी अध्यापकों में प्रार्थना से बढ़कर सर्दी की धूप को महत्व दिया जा रहा है वही सर्दी में भी बच्चों को कक्षा कक्ष में नहीं बिठाकर ठंडी हवाओं के बीच छाया में बिठाकर अध्यापन का कार्य किया जा रहा है।
वही जानकारी में यह भी सामने आया है कि माध्यमिक विद्यालय सेंथी के अधीन संचालित हो रहे प्राथमिक विद्यालय में वर्तमान में 100 के आसपास बच्चे अध्ययनरत हैं।
जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे शामिल है इन सब में सबसे बड़ी गौर करने वाली बात यह है कि इन 100 बच्चों का अध्ययन मात्र दो कक्षा कक्षों में किया जा रहा है जिसमें तीन कक्षाओं का संचालन एक कक्षा कक्ष में और दो का एक कक्षा कक्ष में किया जा रहा है।
जबकि विद्यालय में सभी कक्षाओं के लिए अलग-अलग कक्षा कक्षों का निर्माण सरकार द्वारा करवाया गया है लेकिन अध्यापकों की कमी का हवाला देकर अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को आखिरकार किस तरह से शिक्षा दी जा रही है। यह तो विद्यालय प्रशासन ही जाने वही जिस विद्यालय के अधीन यह विद्यालय संचालित किया जा रहा है।
वहां के अध्यापकों की कार्य के प्रति लापरवाही यहां दिखाई दे रही है कि बच्चों की प्रार्थना के समय सभी अध्यापक धूप का सेवन कर रहे थे जबकि नियमानुसार प्रार्थना को भी एक अलग से कालांश के रूप में संचालित किया जाता है लेकिन अध्यापकों की कार्य के प्रति बेरुखी आखिरकार कैसे बच्चों को अच्छे संस्कार दे पाएगी यह तो शिक्षा विभाग ही जाने।
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