
गौमाता को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता,हर स्तर पर उपचार के पुख्ता प्रबंध – प्रमोद जैन.
जैसलमेर। खान, पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि गोवंश में आई महामारी के समय गोवंश को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय गोवंश को बचाने के लिए बहुत ही संवेदनशील है एवं उन्होंने इस महामारी में गोवंश को बचाने के लिए हर स्तर पर उपचार के पुख्ता प्रबन्ध किए है।
उन्होंने कहा कि गौवंश को बचाने के लिए हमें दवाइयों के साथ प्राचीन पद्धति के उपचार को भी काम में लेना है, जिससे की हम गौवंश को बचा सके, इसके लिए उन्होंने पशुपालकों को जागरूक कर बीमार पशुओं का फिटकरी की पानी से नहाने, नीम के पतों के पानी से नहाने एवं गुड का पानी पिलाने की सलाह दें।
प्रमोद जैन जिला कलक्ट्री सभाकक्ष जैसलमेर में आयोजित जिला अधिकारियों, गौशाला प्रतिनिधियों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।
बैठक में राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन, जिला कलक्टर टीना डाबी, पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत, गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित, अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम, बीसूका उपाध्यक्ष उम्मेद सिंह तंवर, राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खान के साथ ही गोशालाओं के संचालकों के प्रतिनिधि एवं अन्य प्रशासनिक व पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में
प्रमोद जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गोवंश के संवर्धन के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में नंदी गोशालाएं खोली गई है, वहीं गौशालाओं का अनुदान भी बढ़ाया है। इसके साथ ही गोशालाओं को वर्ष में छह माह से बढ़ाकार नौ माह का अनुदान देकर गोवंश के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि नंदी गोशाला के संचालन में तो गोपालन विभाग 90 प्रतिशत अनुदान दे रहा है एवं संचालक को मात्र 10 प्रतिशत राशि ही वहन करनी पड़ रही है, जो अपने आप में बहुत बड़ा निर्णय है। उन्होंने गोशाला संचालकों से आह्वान किया कि वे इस महामारी के दौर में गोवंश को बचाने में तन, मन एवं धन से पूरा सहयोग करे एवं किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दे।
उन्होंने जैसलमेर में जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग की टीम द्वारा लंपी स्किन डिजीज में गोवंश को बचाने के लिए किए गए उपचार प्रबन्धन की भी सराहना की एवं निर्देश दिए कि वे टीम भावना से कार्य कर जो भी पशु इस बीमारी से ग्रसित है, उसको बचाने का भरसक प्रयास करें।
उन्होंने संक्रमित मृत पशुओं के निस्तारण के लिए शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय के माध्यम से एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पूरा सहयोग लेकर अच्छी तरह से निस्तारण की कार्यवाही करने पर जोर दिया। उन्होंने इस कार्य के लिए भामाशाहों एवं दानदाताओं का सहयोग लेने की भी बात कही।
बैठक में गोपालन मंत्री ने गौशाला संचालकों की समस्याएं सुनी एवं गौवंश को बचाने के सुझावों को भी प्राप्त किया। उन्होंने गौशाला संचालकों की मांग पर जिला प्रशासन को कहा कि वे गोपालन समिति की बैठक तत्काल कर उनके बकाया अनुदान का भुगतान शीघ्र कराएं।
बैठक में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने कहा कि राज्य सराकर ने पशुधन को बचाने के लिए अकाल और सूखे की स्थिति में भी पूरी सहायता देकर पशुपालकों को बहुत बड़ी राहत दी हैं। उन्होंने गौवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज जैसी महामारी के रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों को तन-मन से कार्य कर गौमाता को बचाना है।
उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर बीमारी के लक्षण और उपचारों के बारे में पेम्प्लेट के माध्यम से आमजन को जागरूक करने पर जोर दिया। उन्होंने संक्रमित मृत पशुओं के सुरक्षित निस्तारण के लिए नगरीय क्षेत्र में जेसीबी किराये पर लेनी पड़े तो उसको भी लेकर सुरक्षित निस्तारण की कार्यवाही कराएं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी भामाशाहों का सहयोग लेकर मृत पशु के प्रभावी निस्तारण की कार्यवाही करे ताकि संक्रमण अन्य पशुओं तक नहीं बढ़े।
बैठक में जिला कलक्टर टीना डाबी ने कहा कि लंपी स्किन डिजीज बीमारी के उपचार के लिए जिले में 38 से अधिक पशु चिकित्सा टीमों का गठन कर संक्रमित पशुओं का सर्वे और उपचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही विकास अधिकारियों को भी सहयोग के लिए निर्देशित किया गया है और वे भी प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर पशु चिकित्सा टीमों के माध्यम से उपचार करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य की उनके स्तर से भी प्रभावी मोनिटरिंग नियमित रूप से की जा रही है। उन्होंने कहा कि तत्काल ही गौशालाओं के बकाया अनुदान के भुगतान की कार्यवाही भी करवा दी जाएगी।
इस मौके पर राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल, बीसूका उपाध्यक्ष उम्मेद सिंह तंवर ने जिले में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने और ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता जताई। इस दौरान गौशाला संचालक प्रतिनिधि गोविन्द भार्गव, विकास व्यास के साथ ही अन्य प्रतिनिधियों ने बकाया भुगतान कराने, गौशाला संचालन के लिए भूमि में रियायत दिलाने के साथ ही अन्य सुझाव भी प्रस्तुत किए। उप निदेशक पशुपालन अशोक सुथार ने लंपी स्किन डिजीज के उपचार के संबंध में की गई गतिविधियों की जानकारी दी।
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